Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्या और सौरभ भास्कर को निचली अदालत से दी गई आजीवन कारावास की सजा पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ ने दायर याचिकाओं पर आपत्ति पेश करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन पक्षकारों को निचली अदालत के दस्तावेज नहीं मिले हैं, उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएँ, ताकि आगामी सुनवाई में न्याय सुनिश्चित किया जा सके। सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सभी दस्तावेज हाईकोर्ट में पहुँच चुके हैं। अगली सुनवाई 17 नवंबर 2025 को होगी।
पुलकित आर्या और सौरभ भास्कर को मिली थी आजीवन कारावास की सजा
कोटद्वार के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 30 मई 2025 को आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सुनवाई के दौरान 47 गवाह पेश किए गए थे। दोषियों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनके वकीलों का कहना है कि मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह पेश नहीं किया गया।
चीला नहर से बरामद हुआ था शव
अंकिता भंडारी का शव चीला कैनाल से बरामद हुआ था। सरकार की तरफ से बताया गया कि आरोपी और उनके साथी घटना स्थल पर पाए गए। फोरेंसिक जांच में भी उनकी लोकेशन घटना स्थल पर पाई गई। इसके अलावा, अंकिता ने अपने व्हाट्सएप चैट में भी इस घटना का उल्लेख किया था। आरोपियों ने रिसॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए और डीवीआर में छेड़छाड़ की।
पूरे उत्तराखंड में हुए थे आंदोलन
अंकिता भंडारी की हत्या सितंबर 2022 में हुई थी, जिसने पूरे प्रदेश और देश को झकझोर कर रख दिया। वह पुलकित आर्या के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थी। आरोप हैं कि पुलकित आर्या ने अंकिता पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का दबाव डाला।
मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के पिता विनोद आर्या त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्य मंत्री रहे थे, जबकि भाई अंकित आर्या को तीरथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था। घटना सामने आने के बाद दोनों को सभी पदों से हटाकर पार्टी से निष्कासित किया गया।
इस मामले में प्रदेश भर में जोरदार आंदोलन हुए, जिनमें न्याय दिलाने की मांग की गई।