नदी में कूड़ा करने वालों की अब खैर नहीं: उत्तराखंड की वाटर पॉलिसी 2024, जुर्माना 15 लाख तक

नदी में कूड़ा करने वालों की अब खैर नहीं: उत्तराखंड की वाटर पॉलिसी 2024, जुर्माना 15 लाख तक

देहरादून: उत्तराखंड ने जल प्रदूषण के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार की संशोधित वाटर पॉलिसी 2024 को लागू कर दिया है। इस नीति के तहत नदियों और जल स्रोतों को दूषित करने वालों की अब खैर नहीं। नई नीति में जल प्रदूषण के लिए 5,000 रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक के जुर्माने और गंभीर मामलों में तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही, अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और प्रदूषण नियंत्रण को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।

सिडकुल में प्रदूषण पर नोटिस के बाद एक्शन

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने उत्तराखंड में जल प्रदूषण को लेकर कई बार चेतावनी दी थी, खासकर सिडकुल जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अपशिष्ट जल के ट्रीटमेंट की कमी को लेकर। उत्तराखंड पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड को हाल ही में सिडकुल क्षेत्र में पानी के सही ट्रीटमेंट न होने पर नोटिस भी मिला था। इन चेतावनियों के बाद, राज्य सरकार ने फरवरी 2025 में विधानसभा में लिए गए संकल्प को अब धरातल पर उतारा है।

उत्तराखंड पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने कहा, “नई वाटर पॉलिसी जल प्रदूषण को रोकने और औद्योगिक इकाइयों की जवाबदेही सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगी। यह नीति पर्यावरण संरक्षण को और मजबूत करेगी।”

वाटर पॉलिसी 2024: प्रमुख नियम और प्रावधान

संशोधित वाटर पॉलिसी 2024 में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और जल स्रोतों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए कई सख्त नियम लागू किए गए हैं:

  1. जुर्माने की व्यवस्था:
    • छोटे उल्लंघनों पर 5,000 से 10,000 रुपये तक का जुर्माना।
    • गंभीर मामलों में 10,000 रुपये से 15 लाख रुपये तक का जुर्माना।
    • जुर्माना न चुकाने पर दोगुनी राशि या तीन साल तक की सजा।
  2. निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति:
    • केंद्र सरकार संयुक्त सचिव या उससे उच्च स्तर के अधिकारियों को निर्णायक अधिकारी नियुक्त करेगी।
    • उनके फैसलों के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में अपील की जा सकती है, बशर्ते 10% जुर्माना राशि पहले जमा हो।
  3. विशेष छूट और दिशा-निर्देश:
    • केंद्र सरकार कुछ विशिष्ट उद्योगों को नियमों से छूट दे सकती है।
    • राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के साथ सहमति प्रक्रिया के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
  4. पर्यावरण मुआवजा:
    • प्रदूषण के स्तर के आधार पर वित्तीय दंड तय किए गए हैं, ताकि उद्योग और व्यक्ति जल प्रदूषण के प्रति सतर्क रहें।

जल प्रदूषण की समस्या और नई नीति की जरूरत

उत्तराखंड में गंगा, यमुना, और अन्य नदियां न केवल जीवन का आधार हैं, बल्कि धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन औद्योगिक इकाइयों, विशेष रूप से सिडकुल जैसे क्षेत्रों में, अपशिष्ट जल का अनुचित निस्तारण एक बड़ी समस्या रहा है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कई बार उत्तराखंड को जल प्रदूषण पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नई नीति इस दिशा में एक ठोस कदम है, जो नदियों को कूड़ा और प्रदूषण से बचाने में मदद करेगी।

नीति के प्रभाव और लाभ

  • जवाबदेही में बढ़ोतरी: औद्योगिक इकाइयों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
  • पारदर्शी प्रक्रिया: प्रदूषण नियंत्रण की निगरानी और कार्रवाई अधिक प्रभावी और पारदर्शी होगी।
  • नदियों की स्वच्छता: गंगा और अन्य जल स्रोतों की स्वच्छता बनी रहेगी, जो उत्तराखंड की धार्मिक और पर्यटक छवि के लिए जरूरी है।
  • जागरूकता में वृद्धि: कठोर दंड और जुर्माने से उद्योग और लोग जल संरक्षण के प्रति जागरूक होंगे।

विधानसभा से लेकर कार्यान्वयन तक

फरवरी 2025 में उत्तराखंड विधानसभा में वाटर पॉलिसी को अपनाने का संकल्प लिया गया था। हालांकि, इसे लागू करने में कुछ समय लगा। अब नीति के कार्यान्वयन के साथ, राज्य ने जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

चुनौतियां और आगे की राह

नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कई चुनौतियां हैं, जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रीटमेंट प्लांट्स की नियमित निगरानी, स्थानीय लोगों में जागरूकता, और संसाधनों की उपलब्धता। छोटे उद्योगों को नियमों का पालन करने में सहायता प्रदान करना भी जरूरी है। फिर भी, यह नीति उत्तराखंड के पर्यावरण संरक्षण के लिए एक नई शुरुआत है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर

उत्तराखंड की यह पहल न केवल जल प्रदूषण को रोकने में मदद करेगी, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बनेगी। नदियों में कूड़ा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पर्यावरण मुआवजे की व्यवस्था से उत्तराखंड की पवित्र नदियां और जल स्रोत सुरक्षित रहेंगे।

Rishikesh News

RishikeshNews.com में हम उत्तराखण्ड और ऋषिकेश की ताज़ा खबरें और महत्वपूर्ण अपडेट सरल और भरोसेमंद तरीके से पाठकों तक पहुँचाते हैं।

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *