टोक्यो – जापान में इन्फ्लुएंजा (फ्लू) का प्रकोप इतना तीव्र हो गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरे देश में महामारी घोषित कर दी है। यह महामारी सामान्य से पूरे 5 हफ्ते पहले शुरू हो चुकी है, जिससे चिकित्सा विशेषज्ञों को आशंका है कि वायरस अब पहले से कहीं अधिक तेजी से विकसित हो रहा है और फैल रहा है। अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ लग गई है, जबकि देशभर के सैकड़ों स्कूल, किंडरगार्टन और चाइल्डकेयर सेंटर बंद हो चुके हैं। दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्थिति पोस्ट-पैंडेमिक दुनिया में वायरस के अनुकूलन का संकेत दे रही है।
असामान्य रूप से जल्दी फैला फ्लू: आंकड़ों का खुलासा
जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 22 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में नामित चिकित्सा संस्थानों में 4,030 फ्लू केस दर्ज किए गए, जो पिछले सप्ताह से लगभग 1,000 अधिक हैं। इससे महामारी की आधिकारिक सीमा पार हो गई। मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, प्रति संस्थान औसतन 1.04 मरीज मिले, जो महामारी की शुरुआत का संकेतक है। यह आंकड़ा पिछले 20 वर्षों में दूसरा सबसे जल्दी फ्लू सीजन है।
खासकर बच्चों में संक्रमण चिंताजनक है। उसी अवधि में 135 स्कूल, किंडरगार्टन और चाइल्डकेयर सेंटर बंद कर दिए गए, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक है। ओकिनावा, टोक्यो, कागोशिमा और यामागाटा जैसे क्षेत्रों में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां 47 प्रान्तों में से 28 में केसों में वृद्धि दर्ज की गई है। ओकिनावा में प्रति अस्पताल सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि यामागाटा के एक प्राइमरी स्कूल को पूरी तरह बंद करना पड़ा क्योंकि वहां 36 में से 22 छात्र प्रभावित हो गए।
जापान टाइम्स और आसाही शिंबुन की रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह प्रकोप कोविड-19 के बाद पर्यटन में उछाल के कारण भी तेज हुआ है, क्योंकि रिकॉर्ड संख्या में विदेशी पर्यटक देश में आ रहे हैं।
वायरस का तेज विकास: विशेषज्ञों की चेतावनी
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेंड पोस्ट-पैंडेमिक दुनिया में इन्फ्लुएंजा वायरस के नए पर्यावरण के अनुकूलन को दर्शाता है। होक्काइडो हेल्थ साइंसेज यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर योको त्सुकामोटो ने SCMP को बताया, “इस साल फ्लू सीजन वाकई बहुत जल्दी शुरू हो गया है, लेकिन बदलते वैश्विक पर्यावरण में यह दृश्य अधिक सामान्य हो सकता है।”
त्सुकामोटो ने आगे कहा कि वायरस पारंपरिक उपचारों के प्रति प्रतिरोध विकसित कर रहा है। “जापान में हम इस प्रतिरोध को देख रहे हैं, लेकिन दुनिया के अन्य हिस्सों से भी ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं।” टाइम मैगजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में फ्लू के बढ़ते मामले – जैसे भारत और सिंगापुर में – यह संकेत दे रहे हैं कि मौसमी बीमारियां अब साल भर फैल सकती हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जलवायु परिवर्तन और वायरस के म्यूटेशन (जैसे H1N1 और H3N2 स्ट्रेन) से यह नई सामान्यता बन सकती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फेक्शस डिजीज (NIID) की निगरानी से पता चलता है कि वायरस में एंटीवायरल प्रतिरोध बढ़ रहा है, जो उपचार को जटिल बना रहा है।
टीकाकरण और सावधानियां: स्वास्थ्य अधिकारियों की अपील
स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी निवासियों और पर्यटकों से जल्दी टीकाकरण कराने और बुनियादी स्वच्छता बनाए रखने की अपील की है। त्सुकामोटो ने जोर दिया कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए फ्लू संक्रमण आमतौर पर खतरनाक नहीं होता, लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग और अंतर्निहित बीमारियों वाले लोग विशेष रूप से सतर्क रहें।
जापान में 15 वर्षों से रह रहे ट्रैवल एनालिस्ट एश्ले हार्वे ने SCMP से कहा, “मुझे यकीन नहीं कि जापान में दिख रहा स्ट्रेन अन्य देशों जैसा ही है, लेकिन बार-बार हाथ धोना, जगहों को हवादार रखना और जरूरत पड़ने पर मास्क पहनना जैसे उपाय अपनाए जा सकते हैं।” मंत्रालय ने अनावश्यक अस्पताल यात्राओं से बचने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है, क्योंकि अस्पतालों में स्टाफ की कमी और भीड़ की समस्या बढ़ रही है।
वैश्विक संदर्भ: क्या यह नई सामान्यता है?
यह जापानी फ्लू महामारी एशिया में व्यापक ट्रेंड का हिस्सा लगती है। टाइम की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप में भी फ्लू के जल्दी मामले देखे गए हैं, जो वायरस के तेज फैलाव को इंगित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक यात्रा और जलवायु परिवर्तन से फ्लू अब मौसमी सीमाओं से बंधा नहीं रहेगा। जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को विशेष सलाह जारी की है, जिसमें मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग शामिल है।
जापान सरकार ने फ्लू वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं कि अगर प्रतिरोध बढ़ता रहा, तो नई दवाओं की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल, जागरूकता और रोकथाम ही सबसे मजबूत हथियार हैं।