यमराज-चित्रगुप्त ने ऋषिकेश की सड़कों पर

यमराज-चित्रगुप्त ने ऋषिकेश की सड़कों पर सिखाए ट्रैफिक नियम, कहा- “पालन न किया तो साथ ले जाएंगे!”

ऋषिकेश: उत्तराखंड की तीर्थ नगरी ऋषिकेश में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए परिवहन विभाग और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक अनोखा आयोजन किया। इंद्रमणि बडोनी चौक पर आयोजित नुक्कड़ नाटक में एम्स के ट्रॉमा विभाग के कर्मचारियों ने यमराज और चित्रगुप्त का भेष धारण कर लोगों को हेलमेट और सीटबेल्ट के महत्व को हास्य और नाटकीयता के साथ समझाया। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रवर्तन रश्मि पंत ने ट्रॉमा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले छह लोगों को मुफ्त हेलमेट वितरित किए गए और सड़क सुरक्षा से संबंधित पंफलेट्स बांटे गए।

नुक्कड़ नाटक: यमराज का ट्रैफिक नियमों का पाठ

नुक्कड़ नाटक में यमराज और चित्रगुप्त के किरदारों ने लोगों को हंसाते हुए सड़क सुरक्षा का गंभीर संदेश दिया। यमराज ने मंच से चेतावनी दी, “बिना हेलमेट और सीटबेल्ट के गाड़ी चलाओगे, तो मेरे साथ यमलोक चलना पड़ेगा!” चित्रगुप्त ने अपने ‘हिसाब-किताब’ में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की सूची दिखाते हुए कहा, “नियमों का पालन करो, नहीं तो अगला नंबर तुम्हारा हो सकता है!” इस रचनात्मक प्रस्तुति ने दर्शकों का ध्यान खींचा और सड़क दुर्घटनाओं के खतरों को प्रभावी ढंग से समझाया। नाटक में बताया गया कि हेलमेट और सीटबेल्ट न केवल कानूनी अनिवार्यता हैं, बल्कि जीवन रक्षक साधन भी हैं।

ट्रॉमा रथ और हेलमेट वितरण

एआरटीओ रश्मि पंत ने ट्रॉमा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो ऋषिकेश के विभिन्न क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा के संदेश को फैलाएगा। कार्यक्रम के दौरान बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने वाले छह लोगों को चिह्नित किया गया। उन्हें न केवल मुफ्त हेलमेट दिए गए, बल्कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की शपथ भी दिलाई गई। इसके साथ ही, परिवहन विभाग ने पंफलेट्स वितरित किए, जिनमें दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों के लिए ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी गई थी।

ऋषिकेश में सड़क सुरक्षा की चुनौतियां

ऋषिकेश, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का प्रमुख केंद्र है, में सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या रही हैं। एम्स के ट्रॉमा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बिना हेलमेट या सीटबेल्ट के कारण होने वाली दुर्घटनाएं गंभीर चोटों और मृत्यु का प्रमुख कारण हैं। खासकर सर्दियों और पर्यटन सीजन में यहां ट्रैफिक बढ़ जाता है, जिससे नियमों का पालन और भी जरूरी हो जाता है। इस नुक्कड़ नाटक का उद्देश्य स्थानीय लोगों और पर्यटकों को जागरूक करना था ताकि वे सड़क पर सुरक्षित रहें।

अधिकारियों का जोर: सड़क सुरक्षा है प्राथमिकता

एआरटीओ रश्मि पंत ने कहा, “सड़क सुरक्षा केवल नियमों का पालन नहीं, बल्कि अपनी और दूसरों की जिंदगी की रक्षा का सवाल है। हम चाहते हैं कि ऋषिकेश के हर वाहन चालक हेलमेट और सीटबेल्ट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए।” एम्स के ट्रॉमा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया, “हमारे अस्पताल में सड़क दुर्घटना के मरीजों की संख्या कम करने के लिए जागरूकता अभियान जरूरी हैं। यह नुक्कड़ नाटक उसी दिशा में एक कदम है।”

स्थानीय लोगों और पर्यटकों की प्रतिक्रिया

नुक्कड़ नाटक को देखने आए स्थानीय निवासी अजय रावत ने कहा, “यमराज और चित्रगुप्त के किरदारों ने बच्चों और बड़ों को हंसाते हुए ट्रैफिक नियमों का महत्व समझाया। यह बहुत ही प्रभावी तरीका था।” एक पर्यटक, मनीषा शर्मा ने बताया, “मैंने आज पहली बार इतने रोचक ढंग से सड़क सुरक्षा का संदेश सुना। अब मैं हमेशा हेलमेट पहनूंगी।”

सुरक्षित सड़क, सुरक्षित उत्तराखंड

यह नुक्कड़ नाटक ऋषिकेश में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक अनूठा और प्रभावी प्रयास साबित हुआ। परिवहन विभाग और एम्स की इस पहल ने न केवल लोगों को हेलमेट और सीटबेल्ट के महत्व को समझाया, बल्कि एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव की शुरुआत भी की। उत्तराखंड सरकार और एम्स की यह संयुक्त कोशिश सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और ‘सुरक्षित उत्तराखंड’ के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे अभियान भविष्य में और आयोजित किए जाएंगे ताकि सड़कें सभी के लिए सुरक्षित बनें।

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