धनोल्टी: उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थल धनोल्टी में एक दुखद हादसे ने सभी को झकझोर दिया। धनोल्टी से हरिद्वार लौट रही एक टैक्सी के चालक कपिल अरोड़ा (40) को अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। हादसा टिहरी बाईपास मार्ग पर लक्ष्मणपुरी के पास, नगर पालिका परिषद मसूरी के कूड़ा कलेक्टिंग सेंटर के नजदीक हुआ। चालक की सूझबूझ ने गहरी खाई में गिरने से कार को बचा लिया, जिससे उसमें सवार चार पश्चिम बंगाल के पर्यटक सुरक्षित रहे।
हादसे का विवरण: चालक की सूझबूझ ने टाला बड़ा हादसा
पुलिस के अनुसार, कपिल अरोड़ा अपनी स्विफ्ट डिजायर टैक्सी (यूके08-टीए-6149) से धनौल्टी से देहरादून होते हुए हरिद्वार जा रहे थे। कार में पश्चिम बंगाल के चार पर्यटक सवार थे, जो धनौल्टी घूमने आए थे। रास्ते में अरोड़ा को अचानक चक्कर आया और दिल का दौरा पड़ गया। तबीयत बिगड़ने के बावजूद, उन्होंने अंतिम क्षणों में गाड़ी को सड़क किनारे मोड़ दिया, जिससे वाहन पैराफिट से टकरा गया। इस सूझबूझ के कारण कार गहरी खाई में गिरने से बच गई, और सभी पर्यटक सुरक्षित रहे।
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने 108 एंबुलेंस सेवा को सूचित किया। अरोड़ा को उप जिला चिकित्सालय मसूरी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मसूरी पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान कपिल अरोड़ा, निवासी जरी कॉलोनी, हरिद्वार के रूप में हुई है।
पर्यटक सुरक्षित, पुलिस ने शुरू की जांच
कार में सवार चार पर्यटकों की पहचान पुरबस्त हल (डाइसेल), पूरतराड़, राजेल मुखर्जी (ढंगन, उम्र 45 वर्ष), अनकटी नाथ (पुत्र आलोक नाथ), और शेम नाथ गराई के रूप में हुई है। सभी पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं। पुलिस ने उन्हें दूसरी गाड़ी से हरिद्वार भेज दिया। पर्यटकों ने बताया कि चालक को अचानक असहजता हुई, लेकिन उनकी त्वरित सूझबूझ ने उनकी जान बचा ली।
मसूरी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और जांच शुरू कर दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और परिजनों को सूचना दे दी गई है। प्रारंभिक जांच में यह स्वाभाविक मृत्यु (दिल का दौरा) का मामला प्रतीत हो रहा है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही आएगा।
पर्यटकों की सुरक्षा, चालक की वीरता
यह हादसा मसूरी जैसे व्यस्त पर्यटन स्थल पर स्वास्थ्य और सड़क सुरक्षा के मुद्दों को फिर से उजागर करता है। कपिल अरोड़ा की त्वरित प्रतिक्रिया ने न केवल पर्यटकों की जान बचाई, बल्कि एक बड़े हादसे को भी टाल दिया। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने उनकी इस सूझबूझ की सराहना की है।
सड़क सुरक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता की जरूरत
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि पर्यटक स्थलों पर चालकों की स्वास्थ्य जांच और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता पर सवाल भी उठाती है। मसूरी जैसे पहाड़ी रास्तों पर ऐसी घटनाएं जोखिम को और बढ़ा सकती हैं। प्रशासन को चाहिए कि ड्राइवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच और सड़क सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाए। कपिल अरोड़ा की इस अंतिम सूझबूझ ने पर्यटकों को नई जिंदगी दी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति उनके परिवार और समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति है।