रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के खिलाफ केदारसभा ने मोर्चा खोल दिया है। तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों की नाराजगी अब खुलकर सामने आ गई है। केदारसभा ने बीकेटीसी अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाने की मांग की है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस संबंध में एक तीखा पत्र लिखा है। केदारसभा ने चेतावनी दी है कि यदि चारधाम के कपाट बंद होने से पहले अध्यक्ष को नहीं हटाया गया, तो तीर्थ पुरोहित समाज और स्थानीय लोग मिलकर जनांदोलन शुरू करेंगे।
मुख्यमंत्री को पत्र, गंभीर आरोप
शुक्रवार को केदारसभा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर बीकेटीसी अध्यक्ष की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। पत्र में कहा गया है कि अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी केवल कुर्सी पर बैठकर मनमानी कर रहे हैं और उन्हें धामों के विकास की कोई चिंता नहीं है। केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि बीकेटीसी अध्यक्ष का व्यवहार तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों के प्रति असंवेदनशील है। पत्र में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वीआईपी दर्शन पर नियंत्रण का अभाव: वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई, जिसके कारण हजारों सामान्य यात्री बिना दर्शन के लौट रहे हैं।
- पुजारी आवास की कमी: भोगमंडी को मंदिर के नजदीक करने और पुजारी आवास बनाने की मांग लंबे समय से अनसुनी है।
- मंदिर समिति कर्मचारियों की तानाशाही: गर्भगृह में कर्मचारियों की मनमानी और अभद्र व्यवहार की शिकायतें सामने आ रही हैं।
- चढ़ावे में हेराफेरी: मंदिर समिति को चढ़ने वाले चढ़ावे का दुरुपयोग और सोने के पिघलने जैसे गंभीर मामले सामने आए हैं।
पत्र पर केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद तिवारी, आलोक वाजपेयी, प्रदीप शर्मा सहित कई प्रमुख लोगों के हस्ताक्षर हैं।
केदारसभा की मांग: तत्काल हटाएं अध्यक्ष
केदारसभा ने मांग की है कि चारधाम यात्रा के कपाट बंद होने से पहले बीकेटीसी अध्यक्ष को उनके पद से हटाया जाए। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि अध्यक्ष की कार्यशैली से न केवल तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है, बल्कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की पवित्रता और व्यवस्था को भी नुकसान पहुंच रहा है। केदारसभा ने स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे।
क्या है बीकेटीसी का गठन और उद्देश्य?
बता दें कि इस साल मई में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में हेमंत द्विवेदी को अध्यक्ष और ऋषि प्रसाद सती (चमोली) व विजय कपरवान (रुद्रप्रयाग) को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। समिति का मुख्य उद्देश्य चारधाम यात्रा का बेहतर प्रबंधन, तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालना और धामों के विकास कार्यों को गति देना है। हालांकि, केदारसभा का आरोप है कि अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी इन उद्देश्यों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रहे हैं और केवल वीवीआईपी और वीआईपी के स्वागत में व्यस्त हैं।
केदारसभा के इस पत्र और जनांदोलन की चेतावनी ने उत्तराखंड सरकार के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। चारधाम यात्रा, जो उत्तराखंड की आध्यात्मिक और आर्थिक जीवनरेखा है, उसमें व्यवधान न हो, इसके लिए सरकार को त्वरित और संतुलित निर्णय लेना होगा। क्या बीकेटीसी अध्यक्ष को हटाया जाएगा या केदारसभा का आंदोलन और तेज होगा? यह देखना बाकी है।