देहरादून: पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए और बढ़ा दी गई है। मंगलवार को दोनों को जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से अदालत ने एसआईटी की अपील पर यह आदेश दिया।
अदालत को बताया गया कि मामले की जांच अभी जारी है और एसआईटी को खालिद-साबिया से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने हैं। जांच पूरी होने तक दोनों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया गया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि खालिद ने बिना तैयारी और योग्यता के नौ प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन किया था, जिनमें से पांच में वह शामिल भी नहीं हुआ। जिन परीक्षाओं में शामिल हुआ, उनमें उसके अंक बेहद कम रहे। जांच एजेंसी के मुताबिक, यह दर्शाता है कि खालिद लंबे समय से नकल और सांठगांठ के ज़रिये चयन कराने की साजिश में सक्रिय था।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि खालिद के हरिद्वार स्थित घर से सर्च वारंट के तहत की गई तलाशी में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। सबसे हैरानी की बात यह रही कि उसने कुछ ऐसी परीक्षाओं के लिए भी आवेदन किया, जिनकी शैक्षणिक योग्यता वह पूरी नहीं करता था। अब एसआईटी यह पता लगा रही है कि इस सबके पीछे उसकी मंशा क्या थी और किन लोगों से उसका संपर्क था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि खालिद ने परीक्षा केंद्र में एक मोबाइल फोन इस्तेमाल किया था, जिससे उसने प्रश्नपत्र के तीन पन्नों की तस्वीरें अपनी बहन साबिया को भेजीं। फरार होने के दौरान उसने मोबाइल को फॉर्मेट कर ट्रेन के कूड़ेदान में फेंक दिया था। जबकि दूसरा मोबाइल पुलिस के कब्जे में है, जिसे भी फॉर्मेट कर दिया गया था।
फॉरेंसिक टीम अब मोबाइल डाटा रिकवर करने की कोशिश कर रही है। अगर यह डाटा मिल जाता है, तो खालिद के पिछले दो वर्षों के संपर्क और पेपर लीक नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी भी सामने आ सकती है।