ऋषिकेश। पूर्णानंद खेल मैदान, मुनि की रेती में आयोजित सरस आजीविका मेला 2025 में सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत सीएलएफ के लिए ₹1.20 करोड़ की 12 आर्थिक गतिविधियों का लोकार्पण किया और 10 अन्य सीएलएफ के लिए ₹1 करोड़ की प्रस्तावित योजनाओं का शिलान्यास किया।
उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ‘ग्रामोत्थान परियोजना’ के तहत की गई पहल की सराहना की।
ग्रामीण संस्कृति, कौशल और उद्यमिता का मंच
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह मेला राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा, कौशल और उद्यमिता को प्रदर्शित करने का एक अनूठा प्रयास है। उन्होंने कहा, “आजीविका मेले न केवल स्थानीय उत्पादों के लिए मंच प्रदान करते हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मंत्र को भी साकार करते हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मेलों के माध्यम से राज्य सरकार ग्रामीण कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों और किसानों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इस मेले में लगे स्वदेशी उत्पादों के स्टॉल “स्वदेशी अपनाओ” के संदेश को आगे बढ़ा रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जब एक महिला आर्थिक रूप से सशक्त होती है, तो वह पूरे समाज को सशक्त बनाती है। इसी सोच के साथ राज्य सरकार ने ‘लखपति दीदी योजना’, ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ और ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’ जैसी योजनाएँ शुरू की हैं।
उन्होंने बताया कि लखपति दीदी योजना के तहत अब तक 1.65 लाख से अधिक महिलाएँ लखपति बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अंतर्गत महिलाओं ने लगभग 2000 स्टॉल लगाकर करीब ₹5.5 करोड़ का विपणन किया है — जो उद्यमशीलता का नया उदाहरण है।
‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड से स्वदेशी उत्पादों को विश्व पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लॉन्च किए गए “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के माध्यम से उत्तराखंड की महिलाएँ अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर तक पहुँचा रही हैं। वर्तमान में 68,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों में 5 लाख से अधिक सदस्य सक्रिय हैं। साथ ही 7,500 से अधिक ग्राम संगठन और 534 क्लस्टर स्तर के संगठन बनाए गए हैं।
महिला किसान सशक्तिकरण और आधुनिक खेती की ओर कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार महिला किसानों को सशक्त बनाने के लिए फार्म लाइवलीहुड और महिला किसान सशक्तिकरण योजना के तहत 3 लाख से अधिक महिलाओं की क्षमता एवं कौशल विकास का कार्य कर रही है।
अब तक 2.5 लाख एग्री-न्यूट्री गार्डन और किचन गार्डन स्थापित किए जा चुके हैं, साथ ही 500 फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध कराए गए हैं। लगभग 5,000 महिला किसान अब ऑर्गेनिक खेती से जुड़कर आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज उत्तराखंड की मातृशक्ति आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रही है। सरस मेला इसी परिवर्तन का जीवंत उदाहरण है।”
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, स्वयं सहायता समूह की महिलाएँ, ग्रामीण उद्यमी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।