Nanda Devi Yatra 2026: उत्तराखंड में हर बारह वर्ष बाद आयोजित होने वाली 280 किमी लंबी श्रीनंदा देवी राजजात यात्रा (2026) से पहले वैज्ञानिकों की एक टीम यात्रा मार्ग का पारिस्थितिकीय अध्ययन करेगी।
अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के वैज्ञानिकों का दल शनिवार को देवाल के वाण पहुंचेगा, जहां वे विशेष रूप से वेदनी से सुतोल तक के बुग्याली और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अध्ययन करेंगे।
राजजात यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं के लगातार बढ़ते हुए जनसमूह को ध्यान में रखते हुए, यह अध्ययन यात्रा मार्ग की भार धारण क्षमता का आंकलन करेगा। राजजात समिति के सचिव भुवन नौटियाल ने बताया कि वैज्ञानिक दल मानवीय हस्तक्षेप से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव और संभावित नुकसान का आकलन करेंगे।
अध्ययन में ऑक्सीजन स्तर, हवा की गति, ग्लेशियरों की स्थिति और जड़ी-बूटियों की सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों का विश्लेषण शामिल होगा। मौसम के कारण सितंबर में अधूरा रहा अध्ययन अब यूसैक के 4 से 6 सदस्यों वाले दल द्वारा पूरा किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग से भी वैज्ञानिक दल को सहयोग देने की मांग की गई है।