ऋषिकेश: नगर निगम की बोर्ड बैठक शुरू होते ही पार्षदों और अधिकारियों के बीच हंगामा शुरू हो गया। पिछली बोर्ड बैठक में पारित प्रस्तावों पर धरातल पर काम नहीं होने से नाराज कई पार्षदों ने बोर्ड एजेंडे की कापी फाड़कर हवा में उछाल दी। नगर निगम की पिछली बोर्ड बैठक 10 मार्च को हुई थी। नई बोर्ड बैठक शुक्रवार को देहरादून रोड स्थित होटल अमेरिश के सभागार में आयोजित की गई। बैठक में पहला प्रस्ताव महापौर शंभू पासवान की ओर से जीएसटी की नई दरों के बोर्ड समर्थन का था। जैसे ही अधिकारियों ने प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया, पार्षदों ने पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि और प्रस्तावों पर हुए कामों की जानकारी मांगी।
अधिकांश प्रस्तावों पर अधिकारियों ने काम के प्रारंभ या टेंडर प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी दी, लेकिन पार्षद देवेंद्र प्रजापति, राम कुमार संगर, चेतन चौहान, सत्या कपरुवाण, राजेंद्र बिष्ट, संजय बिष्ट, सरोजनी थपलियाल, भगवान सिंह पंवार ने कहा कि निरीक्षण के बाद भी कई काम पूरे नहीं हुए। तनाव इतना बढ़ा कि कई पार्षदों ने एजेंडे की कापी फाड़ दी और अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक हुई।
महापौर और नगर आयुक्त का दखल
महापौर शंभू पासवान और नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल ने दखल देते हुए कहा कि केवल सुनी-सुनाई बातों को आधार नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कई जगह काम हो चुके हैं और जिन पर काम शेष है, उनकी प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद प्रत्येक वार्ड से पुराने प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिसमें पार्षद निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे।
निरीक्षण तो हुआ, लेकिन काम अधूरा
पार्षद राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र वाले सोलह वार्डों में पानी के बिल की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। उन्होंने पिछले प्रस्ताव के संबंध में निगम स्तर पर कार्रवाई का जवाब मांगा। पार्षद वीरेंद्र रमोला ने कहा कि सिर्फ एक-दो नाली का काम पूरी कार्रवाई नहीं कहला सकता।
हार चुके लोगों को तवज्जो देने पर सवाल
पार्षद राम कुमार संगर ने कहा कि पार्षदों को विश्वास में लेकर काम किया जाना चाहिए। जिनको जनता नकार चुकी है, उन्हें वार्ड में लाकर फोटो खिंचाई जा रही है। कई पार्षदों ने भी हार चुके लोगों को तवज्जो देने पर आपत्ति जताई।
पार्षदों में आपसी तनातनी
बैठक के दौरान पार्षदों में आपस में भी बहस हुई। पार्षद सुनीता भारद्वाज ने कहा कि कई बार पार्षद पति काम कराने जाते हैं, लेकिन मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जाती है। पार्षद सिमरन उप्पल ने कहा कि चुने हुए पार्षद ही निगम में काम कराने आएं। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि नियमानुसार पार्षद ही कार्यवाही के लिए आना होता है।
बैठक लंबी और अधूरी रही
शाम चार बजे तक केवल वार्ड 28 तक पुराने प्रस्तावों पर चर्चा हो पाई। चालीस वार्डों में अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकी। सफाई और अन्य स्थानीय मुद्दों पर पार्षदों ने निगम को घेरा। नगर आयुक्त ने कहा कि पांच अक्टूबर के बाद कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी और वार्डों में सफाई कर्मी बढ़ाए जाएंगे।