हरिद्वार जिले के सतीवाला-बुल्लावाला क्षेत्र में लंबे समय से निर्माणाधीन सुसवा नदी के पुल का विश्व बैंक के अधिकारियों ने मंगलवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य पुल निर्माण के लिए बनाई जा रही व्यवस्थाओं का मुआयना करना और निर्माण कार्य को जल्द पुनः शुरू करने के निर्देश देना था।
निरीक्षण के दौरान क्या हुआ
विश्व बैंक की टीम सुबह 10 बजे निर्माण स्थल पर पहुंची और करीब तीन घंटे तक लोनिवि हरिद्वार और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के साथ पुल निर्माण की सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा की।
लोक निर्माण विभाग हरिद्वार के सहायक अभियंता राकेश रावत ने बताया कि अधिकारियों ने सभी व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और निर्माण कार्य सप्ताहभर के भीतर शुरू कराने के निर्देश दिए।
बैठक और अधिकारी उपस्थित
निरीक्षण के बाद टीम ने लोक निर्माण विभाग और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निम्नलिखित अधिकारी उपस्थित रहे:
- सहायक अभियंता: राकेश रावत
- सहायक अभियंता: मनमोहन सिंह
- अपर सहायक अभियंता: डॉ. सीएल भारती
- इंजीनियर: वासदेव कुकरेती
- पर्यावरण विशेषज्ञ: डॉ. आशा रतूड़ी
- अधिकारी: गौरव असवाल, अंकित कुड़ियाल, विनोद पंवार
- कार्यदायी संस्था के अन्य कर्मचारी
बैठक में निर्माण कार्य, सुरक्षा व्यवस्थाएँ और पर्यावरणीय पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
निर्माण कार्य में क्यों देरी
पुल का निर्माण क्षेत्र काफी समय से अधूरा पड़ा हुआ है। अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान यह देखा कि निर्माण स्थल पर कई व्यवस्थाओं की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता थी। विश्व बैंक के निर्देशों के बाद निर्माण कार्य को जल्द शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
भविष्य की योजनाएँ
निर्माणाधीन पुल का पूरा होने से:
- क्षेत्रवासियों के लिए सुविधाजनक यातायात मार्ग उपलब्ध होगा।
- ट्रैफिक की परेशानी और समय की बचत होगी।
- स्थानीय विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
लोक निर्माण विभाग और कार्यदायी संस्था अधिकारियों ने कहा कि निर्माण कार्य सप्ताहभर के भीतर शुरू कर दिया जाएगा, और पर्यावरणीय मानकों का पूरा पालन किया जाएगा।
सुसवा नदी, सतीवाला-बुल्लावाला में निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण यह दर्शाता है कि राज्य में विकास कार्यों की समीक्षा और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विश्व बैंक के निर्देशों से निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा और स्थानीय लोगों को सुरक्षित, विश्वसनीय और सुव्यवस्थित पुल का लाभ मिलेगा।
यह परियोजना न केवल यातायात की सुविधा बढ़ाएगी बल्कि क्षेत्रीय विकास और आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगी।