उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। आज उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर कथित तौर पर लीक हो गया और सोशल मीडिया, विशेषकर व्हाट्सएप पर खुलेआम घूमता दिखाई दिया।
आज सुबह आयोजित UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा के केवल लगभग 30 मिनट बाद ही सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र की तस्वीरें तेज़ी से वायरल हो गईं। वायरल स्क्रीनशॉट और फ़ोटो में नीचे-दाएँ 11:35 AM का टाइमस्टैम्प दिख रहा है — जिससे आशंका जताई जा रही है कि किसी परीक्षा केंद्र से ही मोबाइल द्वारा तस्वीरें खींचकर बाहर भेजी गईं।
कल रात ही देहरादून/एसटीएफ ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, जिन पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर परीक्षा पास कराने का आरोप था। गिरफ्तारी के बाद आज की सुबह वायरल तस्वीरों ने छात्रों और समाज में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है।
तस्वीरों से क्या साफ दिखा?
- वायरल तस्वीरों में प्रश्नपत्र के पन्ने, QR-कोड और पेज नंबर स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।
- तस्वीरों पर “Forwarded” टैग और टाइमस्टैम्प मौजूद हैं — जो बताता है कि पेपर केंद्र के अंदर से मोबाइल से फोटो खींचकर बाहर भेजा गया था।
- फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वायरल फाइल परीक्षा से पहले लीक हुई थी या परीक्षा के दौरान किसी ने अंदर से क्लिक कर भेजा।
पुलिस का स्टैंड — जांच जारी, अंतिम पुष्टि बाकी
पुलिस और STF ने मामले को गंभीरता से लिया है और तफ्तीश तेज कर दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि “जांच जारी है और अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि वायरल फाइल मूल प्रश्नपत्र है या किसी ने बाद में साझा की/मेमोरी-आधारित कॉपी है।” गिरफ्तार लोगों से पूछताछ जारी है और CCTV व मोबाइल फॉरेंसिक के जरिए सबूत जुटाए जा रहे हैं।
अभ्यर्थियों और स्थानीयों का गुस्सा
कई अभ्यर्थी और स्थानीय लोग नाराज़ हैं। उनका कहना है — “हमने दिन-रात मेहनत की, ऐसी घटनाएँ हमारी मेहनत की अवमानना हैं। दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।” सोशल मीडिया पर भी लोग गुस्से के साथ प्रशासन से त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
क्या अब क्या होगा?
- पुलिस मोबाइल फॉरेंसिक, CCTV फुटेज और परीक्षा केंद्र के लॉग की जाँच कर रही है।
- If forensic evidence proves the photos were taken during the exam inside the center, strict legal action (and cancellation/retest possibilities) may follow.
- विशेषज्ञ कहते हैं — केवल गिरफ्तारियाँ पर्याप्त नहीं; परीक्षा-प्रक्रिया की पूरी पारदर्शिता और पुनरावलोकन जरूरी है।
हमारी अपील
वायरल तस्वीरों को आगे फैलाना अभी मददगार नहीं होगा — अफवाह और पैनिक बढ़ सकती है।