ऋषिकेश/यमकेश्वर। विकासखंड यमकेश्वर के एक 15 वर्षीय बच्चे में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है। बीमारी के गंभीर लक्षण दिखने पर बच्चे को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, जहां करीब छह दिन तक आईसीयू और वेंटिलेटर पर उपचार चलने के बाद अब स्थिति में सुधार है। चिकित्सकों ने बच्चे को एम्स से छुट्टी दे दी है।
ऐसे बिगड़ी तबीयत
जानकारी के अनुसार, यमकेश्वर निवासी कार्तिक (15) को 8 सितंबर को तेज बुखार और सिरदर्द की शिकायत हुई थी। परिजनों ने पहले उसे मुनि की रेती स्थित एक निजी क्लीनिक में दिखाया। हालत में सुधार न होने पर परिवार ने क्षेत्र के एक अन्य निजी अस्पताल का रुख किया, जहां दवाइयाँ देकर घर भेज दिया गया।
इसके बाद 11 सितंबर को बच्चे की स्थिति और बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन उसे राजकीय उपजिला चिकित्सालय लेकर पहुँचे। यहां चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे तुरंत एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया।
एम्स में हुआ स्क्रब टायफस की पुष्टि
एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने जांच में बच्चे में स्क्रब टायफस की पुष्टि की। इसके बाद उसे करीब छह दिन तक वेंटिलेटर और आईसीयू में रखा गया। धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार होने पर बीते बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। परिजनों का कहना है कि अब कार्तिक की स्थिति स्थिर है और स्वास्थ्य लाभ कर रहा है।
क्या है स्क्रब टायफस?
स्क्रब टायफस एक खतरनाक जीवाणुजनित संक्रमण है, जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर संक्रमित चिगर (mite/कीट) के काटने से फैलता है।
स्क्रब टायफस के सामान्य लक्षण:
- तेज बुखार और सिरदर्द
- शरीर में दर्द
- लसीका ग्रंथियों (lymph nodes) में सूजन
- कमजोरी और थकान
यदि समय पर इलाज न हो तो यह संक्रमण निमोनिया, किडनी फेल्योर, मेनिनजाइटिस और एन्सेफलाइटिस जैसी गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है। समय रहते एंटीबायोटिक उपचार से मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।