पर्यटन विभाग उत्तराखंड और टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल के तत्वाधान में हेरिटेज टूरिस्ट गाइड का निशुल्क प्रशिक्षण

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हेरिटेज टूरिस्ट गाइड का निशुल्क प्रशिक्षण वेप टेक्नोलॉजी ऋषिकेश में दिया जा रहा है जिसमें आज पुरातात्विक विरासत स्मारकों के संरक्षण पर अंशु मोहन जी द्वारा विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई उन्होंने बताया कि भारत, विश्व में सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने रखने वाला सबसे बड़ा देश है पुरातात्विक संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है पुरातात्विक स्मारकों को बचाकर हम अपनी आने वाली भावी पीढ़ियों को अपना समृद्ध व सुसंस्कृत इतिहास के विषय में रूबरू करा सकते हैं उन्होंने हमारी धरोहरों को जलवायु प्रकृतिक आपदाओं और मानव द्वारा किए गए क्रियाकलापों के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिनके विषय में अवगत कराया गया और साथ ही उनको कैसे निपटाया जा सकता है तथा उस विषय में भी एक टूरिस्ट गाइड किस प्रकार अपना योगदान दे सकते है विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई साथ ही प्रशिक्षण ले रहे छात्र- छात्राओं को अधिनियम 1958 के विषय में जानकारी की गई की वो केसे ऐतिहासिक धरोहरों के साथ छेड़छाड़ करने, ऐसे व्यक्तियों को प्राचीन स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम 1958 के तहत दंड का भागी बना सकते हैं तथा ऐतिहासिक धरोहरों व संस्कृतियों के मूल्यों को बनाए रखने के लिए भारत सरकार ने पुरावशेष और बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम 1972 की भी विस्तार पूर्वक जानकारी दे राखी है|
इस हेरिटेज टूरिस्ट गाइड में प्रशिक्षण ले रहे छात्र- छात्राओं को कल ऋषिकेश में स्थित वीरभद्र मन्दिर प्रांगन में संगोष्ठी का आयोजन कर वीरभद्र मन्दिर के प्राचिन से अब तक सभी तथ्यों पर विचार विमर्श किया गया तथा छात्र- छात्राओं को उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों को टूरिस्ट गाइड अपनी विरासतों को किस प्रकार साझा करेंगे, इसकी जानकारी दी गई|
इस दौरान संयोजक विजय तिवारी जी और ट्रेनर केतन भट्ट जी मौजूद रहे|

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